Feb 1, 2021

बाते बजट की 2021 : तेल और शराब पर पैसा भी आएगा और पब्लिक की जेब भी खाली नहीं होगी

 

सरकार ने क्या खेल खेला  कि तेल और शराब पर पैसा भी आएगा और पब्लिक की जेब भी खाली नहीं होगी


आम लोगों से लेकर आर्थिक विशेषज्ञ बजट को ‘आंकड़ों का खेल’ कहते हैं. इसलिए बजट में जब भी किसी खास सेस (टैक्स पर टैक्स) के लगने की बात आती है तो उसे अपनी जेब कटती नजर आती है. ये सेस तेल और एल्कोहॉल उत्पादों पर लग जाए तो उसे ज्यादा बड़ा झटका लगता है. लेकिन इस बार सरकार ने ऐसे उत्पादों पर कुछ इस तरह (एग्री इन्फ्रा) सेस लगाया है कि उसकी कमाई भी हो जाएगी और आम आदमी की जेब पर बोझ भी नहीं पड़ेगा. आखिर कैसे, आइए जानते हैं.

किस पर कितना सेस?

बजट में सरकार ने तेल उत्पादों और शराब पर एग्री इंफ्रा डेवलपमेंट सेस लगाने की घोषणा की है. पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर कृषि सेस और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर कृषि सेस लगाया गया है. सरकार ने कच्चे पाम ऑयल पर 17.5% एग्री इन्फ्रा सेस, कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर 20% सेस लगाया है. सबसे बड़ा झटका शराब के दीवानों को मिला है. सरकार ने एल्कोहॉलिक बेवरेज पर 100 प्रतिशत एग्री इन्फ्रा सेस लगाया है. ये सारे सेस 2 फरवरी 2021 यानी मंगलवार से ही लागू माने जाएंगे.

जनता पर नहीं पड़ेगी सेस की मार

सरकार ने भले ही किसानों की भलाई के लिए सेस बढ़ाने का फैसला लिया, लेकिन इनका बोझ जनता पर न पड़े इसका भी खयाल रखा गया है. सरकार की कोशिश है कि पेट्रोल और डीजल के बढ़े हुए दामों का असर आम लोगों पर न पड़े. बजट के बाद सरकार ने साफ किया कि सेस लगाने से पेट्रोल और डीजल की दामों में बढ़ोतरी नहीं होगी. इन्हें कंपनियों पर लगाया जाएगा न कि आम लोगों से वसूला जाएगा. इसी तरह का जुगाड़ खाने के तेल को लेकर भी किया गया है. तेल के बढ़े दामों का बोझ ग्राहकों पर न पड़े, इसके लिए इन पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) में कटौती की गई है.

शराब पर लगाए सेस को लेकर भी सरकार ने ऐसी ही ‘जादूगरी’ की है. शराब पर एक तरफ 100 फीसदी सेस लगाया गया है तो दूसरी तरफ उसने इस पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी में 100 फीसदी की कटौती कर दी है. पहले 80 फीसदी एल्कोहॉल वाली आयात की गई शराब पर 150 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती थी, जो अब 50 फीसदी रह गई है. यानी शराब पर सेस लगाकर सरकार ने उसकी कीमत जितनी बढ़ाई है, उस पर कस्टम ड्यूटी घटाकर उतनी ही कीमत कम भी कर दी है. यानी सेस लगाने और कस्टम ड्यूटी घटाने के फैसलों से शराब की कीमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

विपक्ष के नेता सरकार पर हमलावर

पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले सेस को लेकर विपक्ष के नेता हमलावर दिखे. सरकार ने भले ही दाम न बढ़ाने देने का भरोसा दिया, लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने उसके इस कदम पर विरोध जताया. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे और सांसद कार्ति चिदंबरम ने सेस लगाने को लेकर निर्मला सीतारमण को निर्मला ‘सेसराम’ तक कह दिया. उन्होंने ट्वीट किया,

“पूरे बजट भाषण में पेट्रोल और डीजल पर सेस की बात कहीं भी नहीं कही गई. फिर भी इसे हम सब पर लादा गया है. बजट भाषण में से इसे बहुत चालाकी से हटाया गया है.”

कांग्रेस के एक अन्य नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया,

“पेट्रोल और डीजल पर कृषि सेस लगाया गया है. इसे बजट भाषण में बताया जाता तो इस पर बहुत हंगामा होता. यह आम इंसान की कमर तोड़ने का एक और रास्ता है.”

क्या होता है सेस?

सेस मतलब टैक्स के ऊपर लगाया जाने वाला टैक्स. इसे खास कारणों को ध्यान में रख कर लगाया जाता है. मिसाल के तौर पर अभी कृषि संसाधन के विकास की बात पर ‘एग्री इंफ्रा डेवलपमेंट सेस’ लगाया गया है. कई बार हाईवे बनाने और सड़कें सुधारने के लिए सेस लगाया जा सकता है. जब केंद्र सरकार इसके जरिए कमाई के टार्गेट को पूरा कर लेती है तो इसे हटा भी लेती है. सेस बाकी टैक्स के मुकाबले इसलिए भी अलग है कि केंद्र सरकार इसे किसी दूसरे राज्य के साथ साझा नहीं करती. मतलब सेस से मिली पूरी रकम केंद्र सरकार के खाते में जाती है.



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